Dipesh Kheradiya A Philosopher
“Words are my world, and emotions are my language.” – Dipesh Kheradiya
Monday, October 25, 2021
ख़्वाब उसका, खयाल उसका, याद उसकी, बात उसकी,
उसके होने से पता चला की कितनी थी सौगात उसकी..
- दिपेश खेरडिया
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होने थे जितने खेल
होने थे जितने खेल मुकद्दर के हो गए हम टूटी नाव लेके समंदर के हो गए खुशबू हमारे हाथ को छू के गुजर गई हम फूल सबको बांट के पत्थर के हो गए
किरदार और कहानियां
Happy Children's Day
Happy Children's Day નથી જોતી જવાની મને મારૂ બચપણ દઈ દે.. હતું જે મારા થી મારૂ મને એ સગપણ દઈ દે.. - દિપેશ ખેરડીયા