Thursday, February 20, 2020

तू आया तो...

इत्र और गुलाब

नया साल

कहानी कहते कहते

મોઢા માંથી નીકળેલી...

તારા વગરની સાંજ....

महोब्बत किसीकी

मेहरबानियाँ बक्शी है....

घर से निकल पड़ते है

लब्ज़ की ख़ामोशीया

कभी काशी कभी काबा

निगाहें